प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट की स्थापना 10 मई 2024 ई० को शिक्षकों का, शिक्षकों के लिए , शिक्षकों के द्वारा आर्थिक सहयोग हेतु बनाई गयी उत्तर प्रदेश की समिति है । प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट से जुड़ने के लिए शिक्षक स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तो से सहमति के उपरांत ही वेबसाइट https://www.pthup.in के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं । प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाता है । प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट की सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है , लेकिन शिक्षक सदस्यता लेते समय ही व्यवस्था शुल्क के रूप में जुड़ने वाले शिक्षकों से प्रथम वर्ष 50 रूपये एवं प्रथम वर्ष के बाद दूसरे वर्ष से प्रत्येक वर्ष 50 रुपये की राशि प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट के खाते में जमा करना होगा जिसकी समिति आपको प्रत्येक वर्ष जो व्यवस्था करने खर्च होगा उसका हिसाब आप सभी को मीटिंग के माध्यम से देगी । किसी भी व्यक्ति को बाध्य करके प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट से नही जोड़ा जाता बल्कि लोग स्वेच्छा से जुड़ते हैं । प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट का संचालन प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट (App. No./Reg. No. - 202401035006329/26) द्वारा किया जाता है ।
प्राइवेट टीचर्स सहायता समिति ट्रस्ट से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना संबंधी फ़ार्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है , साथ ही PTH का टेलीग्राम पर आधिकारिक ग्रुप बनाया गया है , जिसपर समय समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की जाती रहती हैं । इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने संबंधी पोल या विचार सुझाव आदि के दृष्टिगत ग्रुप के सदस्यों को भी विचार रखने और पोल में भाग लेने का अवसर दिया जाता है । यही कारण है कि PTH का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओं से अपडेट रहने हेतु टेलीग्राम ग्रुप को सप्ताह में कम से कम 2 बार देखने और अपडेट रहने की भी बाध्यता रखी गयी है । कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और संबंधित सूचनाएं यदि नहीं प्राप्त कर पाता तो संबंधित सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा । फिर भी प्रयास किया जाता है कि अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म तथा जनपदीय टीम के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओं का प्रसारण किया जाता है ।
1) जो सहयोग करेगा, उसे ही सहयोग मिलेगा । PTH में प्रथम दिवस से सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है , PTH से जुड़ने के लिए कोई शुल्क नही लगता , बस दिवंगत सदस्यो के परिवार को सहयोग ही भेजना जरुरी होता है । 1(A) PTH से सिर्फ वही प्राइवेट शिक्षक जुड़ सकते है जिनकी उम्र – 20 वर्ष से 55 वर्ष हो और कहीं प्राइवेट विद्यालय में पाठन – पठन का काम कर रहे हों ।
2) PTH द्वारा हेल्पलाइन नंबर - 7355694800 सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया गया है , जिसपर कॉल / व्हाट्सएप्प के माध्यम से जानकारी का आदान – प्रदान किया जा सकता है । कोई भी सदस्य इस नम्बर पर कॉल या मैसेज करके सूचना दे / ले सकता है ।
3) जो सहयोग करेगा उसी को सहयोग मिलेगा । नियमो के दुरुपयोग होने की संभावना के दृष्टिगत टेलीग्राम ग्रुप पर और जिला कार्यकारिणी और आईटी सेल से सर्वसम्मति से निर्णय के बाद 3 माह का लॉक इन पीरियड दिनांक - 31 जनवरी 2024 से घोषित किया गया। 3 (A) 3 माह के लॉक इन पीरियड से तात्पर्य यह है की यदि कोई शिक्षक 01 जनवरी को रजिस्ट्रेशन किया , तो यदि उसकी मृत्यु 31 मार्च की रात 12 बजे तक हो जाती है , तो उसे सहयोग नहीं किया जायेगा उसका सहयोग करना भी बाध्यकारी नहीं होगा , मानवता भाव से चाहे तो वह सहयोग कर सकता है , लेकिन उस सहयोग के बदले लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी द्वारा सहयोग का दावा नहीं किया जा सकेगा । यदि ऐसे सदस्य की मृत्यु सदस्य बनने के 3 माह बाद अर्थात चौथे माह के प्रथम दिवस हो जाती है या लॉक इन पीरियड के बाद उसे सहयोग करने मे अवसर मिले बिना ही उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे PTH द्वारा सहयोग किया जायेगा क्योंकि उसे सहयोग करने का अवसर नहीं मिला तो उसकी सहयोग करने की निष्ठा को गलत नहीं माना जा सकता , इसलिए उसका सहयोग किये जाने का प्रावधान होगा। 3 (B) गम्भीर बीमारी की स्थिति में लॉक इन पीरियड 2 वर्ष का होगा । यदि किसी शिक्षक द्वारा रजिस्ट्रेशन करते समय या बाद में किसी गम्भीर बीमारी के हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में दर्ज / अपडेट नही करता है , तो तथ्यगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना सम्भव नही होगा । गम्भीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी। 3 (C) गंभीर बीमारी की स्थिति में प्रोफाइल में अपडेट करना अनिवार्य होगा , छुपाए जाने पर टीम की जांच रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाएगा उस पर किसी तरह का कोई कानूनी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा । बाकी नियम यथावत रहेंगे ।
4 (A) PTH कोर टीम सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी , वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी । कोई भी सदस्य / नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा / अधिकार नही कर सकेगा , बल्कि संस्था नैतिकरूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
5) PTH दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवं स्वतः हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी , जिसपर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नही उठाया जा सकेगा । लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने / भ्रम फैलाने / दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है । ऐसे मामलों में टीम कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए स्वतंत्र होगी।
5 (A) सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे / हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी जाय तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशि उस सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा । इस हेतु प्रदेश टीम गारंटी नही ले सकेगी किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी।
6) वर्तमान समय में सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी सहयोग करना अनिवार्य है । सदस्य बनने के बाद लॉक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट / गूगल फॉर्म भरते हुए रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा । बिना सहयोग किये या सहयोग करने के बाद गूगल फार्म न भर पाने की स्थिति में सहयोग प्राप्त करने हेतु अर्ह नहीं माना जा सकेगा । क्योंकि वैधानिकता की पुष्टि हेतु सहयोग के बाद फार्म भरना अनिवार्य है ।
7) किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्थितियों स्वयं या पारिवारिक आदि की स्थिति में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नही होगा ।
8) यदि कोई शिक्षक / सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नही किया रहता और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नही दिया जा सकेगा। जैसे - सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में दिवंगत शिक्षक के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा । यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण गया , उस स्थिति में उसी माह में दिनांक – 15 से 25 के बीच सहयोग करना जरूरी होगा । सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नही दिया जा सकेगा।